Wednesday, May 14, 2008

जयपुर हादसे पर अखबारों ने लिखा

जयपुर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों ने इस शांत शहर को दहला कर रख दिया।इस घटना को सभी अखबारो ने अपने अपने तरीके से पेश किया है पेश है एक रिपोर्ट । मंगलवार शाम को हुए इन धमाकों से जुड़ी ख़बरें हिंदी और अंग्रेज़ी के लगभग सभी अख़बारों में छाई हुई रही ।

भोपाल के अखबार की सुखियाँ

नव भारत ने फर्स्ट लीड लगाई ग्यारह मिनिट आठ धमाके ,पिचहत्तर मरे इस समाचार के बावजूद भी एक तिहाई पहला पेज विज्ञापन है ।

वही पिछले कुछ दिनों से नए कलेवर के साथ आया नवदुनिया लिखता है धमाकों से दहला जयपुर कुल आधे पेज का कवरेज़ दिया गया है कहा है खून से लाल हुयी गुलाबी नगरी ।

द पयोनीर ने लिखा पिंक सिटी लाल हुयी साथ मरे इसी प्रकार इंग्लिश का एच टी लिखता है टेरर स्ट्रिक्स पिंक सिटी साथ ही उन भयानक बीस मिनिट का ब्योरा पेश किया है ।

भोपाल का एक अन्य हिन्दी प्रमुख समाचार पत्र राज एक्सप्रेस ने लिखा अमंगल गुलाबी शहर पर आतंकी कहर , हुजी और लश्कर पर नजर साथ ही ये भी लिखा है आठ धमाके सौ मरेदैनिक भास्कर ने अपने कार्पोरेट सिटी के एडिशन का पुरा फ्रंट पेज जयपुर के हमले को समर्पित किया पेज दो पर भोपाल मे भोपाल का हाय अलर्ट के अलावा एक और पेज पन्द्रह पुरा जयपुर को केंद्रित किया वहा बताया गुलाबी नगर में धमाकों का कहर कम्पलीट कवरेज में भरपूर फोटो और ग्राफिक्स का प्रयोग किया है।
दैनिक हिंदुस्तान लिखता है कि पंद्रह मिनट के भीतर एक के बाद एक आठ बम धमाकों में लगभग 75 लोग मारे गए हैं जबकि 150 से अधिक घायल हुए हैं।इसी ख़बर के साथ अख़बार ने सुर्खी लगाई है - निशाने पर हैं परमाणु और तेल ठिकाने भी। इसमें कहा गया है कि 'आतंकवादी' संगठनों की ओर से परमाणु केंद्रों, तेल शोधक संयंत्रों, रक्षा प्रतिष्ठानों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, बांधों, आईटी केंद्रों के अलावा टाटा और रिलायंस जैसे प्रतिष्ठित निजी औद्योगिक संस्थानों को निशाना बनाने की ख़ुफ़िया सूचना है। इसके मद्देनज़र सोमवार को फौरी बैठक बुलाकर इनकी सुरक्षा को पुख़्ता किए जाने पर विचार किया गया ।
नवभारत टाइम्स की सुर्खी है - धमाकों से पिंक सिटी हुआ लाल। अख़बार लिखता है कि आंतकवादियों ने जयपुर को निशाना बनाकर अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मैप पर इसे नुकसान पहुँचाने की कोशिश की है, जिस तरह मंदिर को निशाना बनाया गया, उसके पीछे माहौल बिगाड़ने की साजिश नज़र आती है ।
दैनिक जागरण का बैनर हेडलाइन है - गुलाबी नगरी खून से लाल, 70 मरे। अख़बार लिखता है कि धमाकों में लश्कर का हाथ होने की संभावना है।

टाइम्स ऑफ इंडिया का शीर्षक है- एंड नाऊ, इट्स जयपुर. अख़बार ने मृतकों की संख्या 80 बताई है. इस रिपोर्ट में धमाकों की तुलना मालेगाँव में हुए विस्फोटों से की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक जिस तरह मालेगाँव में साइकल पर रखे बमों में धमाके किए गए, उसी तरह जयपुर में भी अधिकांश धमाके साइकल बम के ज़रिए किए गए.


1 comment:

fgfgdg said...

हिन्दुओ पर निशाना साध कर जयपुर में धमाका किया गया और हर धमाकों कि तरह यह धमाका सरकार नही पता लगागेगा कौन किया है धमाका।
आखिर वोट कि राजनिती में आम जनता कब तक मरती रहेगी। प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह को आखिर हिन्दुस्तान में हुये बम धमाकों पर निंद कैसे आ जाती है। आखिर मुस्लिम तुस्टीकरण में निरीह जनता को कब तक बलि का बकरा सरकार बनालि रहेगी। मुस्लिम तुस्टिकरण का ही नतिजा है कि पोटा जैसा कानुन हटा दिया गया सरकार अफजल को सरकारी दमाद बना कर बिढाये रखा है।
सेकुलर तालिबानियों को ये भी कहने में शर्म नही आयेगी कि बम धमाका हिन्दु मुस्लमान नही देखता है लेकिन क्या ये सच नही है कि हिन्दु बहुल इलाका में RDX बम फटता है और मुसलमानों के मस्जिद में देशी सुतली बम फटता है।