महारण प्रताप री मृत्यु पर अकबर बादशाह री भावना उन्नीस जनवरी पन्द्रह सौ सतानवे मे जब राणा प्रताप रो स्वर्गवास होयो तो इन मौका पे दुरसा चारण महाराणा प्रताप पे एक कविता बांच टू सब दरबारी यो ही समज्याँ के अबे दुर्सा की मौत है पण अकबर उंने पाछो बंच्वा रा वास्ते कह्यो वीं इन मारवाडी छप्पन ने पाछो बाँच्यो
- अस लेगा अन दाग , पाग लेगो अन नामीगो
आड़ा गव्डाय जिकों बेह्तो धुर बामी
नवरोजे नह गयो नगो आतशा नवली
न गो झरोखा हेठ जेठ दुनिया दह्ल्ली
गहलोत राणा जीत गयो , दशन मूंद रसना डसी
iishaas
iishaas मूक भरिया नयन तो मृत शाह प्रताप सी ।
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