Wednesday, April 23, 2008

महारण प्रताप री मृत्यु पर अकबर बादशाह री भावना उन्नीस जनवरी पन्द्रह सौ सतानवे मे जब राणा प्रताप रो स्वर्गवास होयो तो इन मौका पे दुरसा चारण महाराणा प्रताप पे एक कविता बांच टू सब दरबारी यो ही समज्याँ के अबे दुर्सा की मौत है पण अकबर उंने पाछो बंच्वा रा वास्ते कह्यो वीं इन मारवाडी छप्पन ने पाछो बाँच्यो

- अस लेगा अन दाग , पाग लेगो अन नामीगो

आड़ा गव्डाय जिकों बेह्तो धुर बामी

नवरोजे नह गयो नगो आतशा नवली

न गो झरोखा हेठ जेठ दुनिया दह्ल्ली

गहलोत राणा जीत गयो , दशन मूंद रसना डसी

iishaas
iishaas मूक भरिया नयन तो मृत शाह प्रताप सी ।


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